Magazine

Current Issue

FURNITURE DESIGN

Retrospective Show Celebrates Alessandro...

MACHINERY & TECHNOLOGY

Chromasonic Reimagines Synesthesia with ...

अनोखा है सहारनपुर का वुड कार्विंग फर्नीचर, दक्षिण भारत है सबसे बड़ा कद्रदान

FDT Bureau

Wood carving furniture of Saharanpur is unique, South India has the greatest importance

सहारनपुर| हुनर को मिला सम्मान तो बढ़ गए कदरदान, यह लाइन यूपी के सहारनपुर जिले के वुड कार्विंग फर्नीचर पर सटीक बैठती है. यहाँ के फर्नीचर पर की जाने वाली कारीगरी के कद्रदान देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी है. यहाँ के फर्नीचर की डिमांड और सप्लाई भी खूब है. समय के साथ ऑनलाइन बाज़ार द्वारा ग्रोथ बढ़ रही है. आंकड़े बताते हैं कि इसके ऑनलाइन बाजार में सालाना 10 से 15 फ़ीसदी का ग्रोथ हो रहा है.

सहारनपुर के खाता खेड़ी वुड कार्विंग फर्नीचर बाजार में डेढ़ सौ से ज्यादा छोटी बड़ी दुकानें है, जहां खूबसूरत सोफे, आकर्षक डाइनिंग टेबल, लग्जरी लुक वाले पलंग, शानदार ड्रेसिंग टेबल और घरों की शोभा बढ़ाने वाले कुर्सियां और सेंट्रल टेबल आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे. इसके साथ खूबसूरत नक्काशी किए हुए लकड़ी के अलमीरा और राजवाड़ा लुक देने वाले झूले भी यहाँ मौजूद है.

कभी राजे राजवाड़े तक सीमित रहने वाले यहाँ के नक्काशीदार फर्नीचर अब आम घरों की भी शोभा बढ़ा रहे है. FDT के सर्वे रिपोर्ट के अनुसार यहाँ के फर्नीचर पर उकेरी जाने वाली कार्विंग क्राफ्ट हर एक फर्नीचर को लग्जरी लुक देता है. मगर, इसकी कारीगरी  बेहद टफ मानी जाती है. जिसे सीखने में कम से कम 5 साल का समय लगता है.     

यहाँ के कारीगरों की माने तो वुड कार्विंग की इस कला के लिए शीशम और सागौन के लकड़ी का इस्तेमाल सबसे उत्तम माना जाता है. किसी भी प्रोडक्ट पर इस कला को उकेरने के लिए पहले सादे कागज पर डिजाइन तैयार किया जाता है, उसके बाद शीशम या सागौन के लकड़ी पर इसे उतारा जाता है. जिसे कारीगर बहुत ही बारीकी से अंजाम देते हैं. इसके कीमत की बात करें तो हर फर्नीचर की कीमत उसमें किए गए नक्काशी पर निर्भर करता है. मसलन जितना ज्यादा नक्कासी उतना ही महँगा प्रोडक्ट. 

FDT की रिपोर्ट केअनुसारयहां तैयार होने वाले वुड कार्विंग फर्नीचर की सबसे ज्यादा डिमांड दक्षिण भारत में है जहां 40% फर्नीचर की सप्लाई की जाती है. इसके बाद करीब 20% पंजाब और हरियाणा में सप्लाई की जाती है जबकि 40% में बिहार, झारखंड, यूपी, कोलकाता, एमपी और छत्तीसगढ़ में की जाती है. कारोबारियों की माने तो यहाँ तैयार होने वाले फर्नीचर को मीडिल ईस्ट, यूएसए, रूस, यूके, सिंगापूर, स्वीडन और कुवैत तक एक्सपोर्ट किया जाता है.

बहरहाल सहारनपुर के वुड कार्विंग इंडस्ट्री को बचाए रखने के लिए ना केवल इस इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी, बल्कि प्रदेश सरकार भी कई अहम् कदम उठा रही है. इसके लिए सरकार जिले में एक क्लस्टर तैयार करने की योजना बना रही है, जिसपर काम भी शुरू हो चूका है.

RELATED TAGS

GET WEEKLY NEWSLETTER

ABOUT FURNITURE DESIGN & TECHNOLOGY

Furniture Design India and the magazine FURNITURE DESIGN & TECHNOLOGY (FDT magazine) are from the trusted 22-year-old media house of SURFACES REPORTER and PLY REPORTER.

FDT is a B2B monthly bilingual magazine from India that shares the pulse of the furniture business in India and connects the manufacturers, OEMS, product designers, architects, showrooms, designers and dealers.

Read More
;

© 2023 Furniture Design and Technologies.. All Rights Reserved. Developed by eyeQ Advertising